Monday, March 22, 2010

मेरी कविता...

मेरे मन की अभिव्यक्ति है ,
ये कविता मेरी शक्ति है.....

कुछ विषयों पर मेरा चिंतन,कुछ हर छन में जीवन की प्यास,
कुछ अपने शब्दों में लिखकर एक माला बुनने का प्रयास,
कुछ आशाएं, अभिलाषाएं , कुछ खुदी की बुलंदी की आस,
कुछ स्वप्न-सुंदरी सी सुन्दर एक जीवन-साथी की तलाश,
थोड़ी गरिमा, थोड़ी निष्ठां और थोड़ी मेरी भक्ति है,
ये कविता मेरी शक्ति है, मेरे मन की अभिव्यक्ति है,

कुछ मेरे भीतर की भड़ास, कुछ कुत्सित कुपित सोच मेरी,
कुछ द्वंद्व मेरे, कुछ द्वेष मेरे, कुछ बेढंगी सी खोज मेरी,
कुछ पूर्वाग्रह, कुछ स्वार्थ मेरे, कुछ चुगली करने की आदत,
कुछ अतिशय जल्दी करने की अनचाही सी मेरी फितरत,
ये मेरे मन का दर्पण है, ये मेरी इच्छा शक्ति है,
ये कविता मेरी शक्ति है, मेरे मन की अभिव्यक्ति है.......

1 comment:

  1. It is true, even I write poetry and I write almost with the same feels.... We the one, who does not carry writing as a profession are always very close to their poems....Its very true & nice reading you.....

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